हर व्यक्ति अपने निवेश पर High Return चाहता है, इसलिए वे उन योजनाओं को निवेश के लिए चुनते हैं जो पिछले ट्रैक रिकार्ड के अनुसार काफी बढ़िया रिटर्न दे चूका हो, यह ठीक है परन्तु किसी एक फैक्टर को देखते हुए उस फंड में निवेश करना सहीं कदम नहीं है, फंड चयन करते वक्त अधिकतर निवेशक एक्सपेंस रेशियों को ध्यान नहीं देते, जबकि एक्सपेंस रेशियों का असर आपको मिलने वाले रिटर्न पर पड़ता है. एक्सपेंस रेशियों से आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि फंड्स आपको महगा पड़ेगा या फिर सस्ता.
एक्सपेंस रेशियो और रिटर्न
किसी भी फंड को मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर की आवश्यकता होती है, उस फंड मैनेजर की फ़ीस म्यूचुअल फंड हॉउस आपसे एक्सपेंस रेशियों के रुप में वसूलते हैं, यानी एक्सपेंस रेशियो फंड को मैनेज करने के लिए ली जा रही सालाना फ़ीस है. चलिए इसे उदाहरण से समझते हैं.
माना आपने किसी म्यूचुअल फंड योजना में 1 साल के लिए 1 लाख रुपये का निवेश किया, उस योजना का एक्सपेंस रेशियों 1.50% है, अगर आपको 1 साल के दौरान 10 फीसदी का रिटर्न मिलता है तो आपका रिटर्न 10,000 रुपया होगा, परन्तु 1.50% एक्सपेंस रेशियों के कारण आप 8.5 फीसदी ही रिटर्न प्राप्त करेंगें. वहीं अगर फंड का एक्सपेंस रेशियों 0.50 फीसदी हो तो आप 9.50 फीसदी रिटर्न प्राप्त करेंगें.
Disclaimer : यह कोई निवेश सलाह नहीं है, जरुरी नहीं है की म्यूचुअल फंड योजनाएं अपना रिटर्न इतिहास दोहराएं अगर आप शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले एक्सपर्ट से सलाह लें।
नमस्कार, मेरा नाम सत्यजित सिंह मरकाम है मै इस डिजिटल वेब पोर्टल Investing Times का संचालक हूँ, म्यूचुअल फंड निवेश, जीवन बीमा और शेयर बाजार जैसे विषयों पर सालों से अध्ययन के बदौलत बहुत से प्रकाशन मेरे खुद के रिसर्च और अनुभव का नतीजा है.
कार्यरत हूँ…
Zfund से म्यूचुअल फंड एक्सपर्ट (कोड Z82706)
मुख्य जीवन बीमा सलाहकार (LIC 0778838J)
वित्तीय लेखन